Sunday, 2 June 2019

डा. बाबा साहब आंबेडकर की २२ प्रतिज्ञाएँ

आज कथित हिंदूवादी दल से लेकर हर एक डा. अम्बेडकर को महान बताने पर तुले हुए है | महानता एक सापेक्ष विषय हो सकता है जब समाज बट जाए | आर्य समाज की स्थापना करने वाले, दलितों को भी एक सामान वेद की शिक्षा जनेऊ का अधिकार देने वाले देश धर्म जाती उद्धारक स्वामी दयानन्द, दलितोद्धार का कितना काम करने वाले महान सन्यासी गुरुकुल कांगड़ी के संस्थापक, हिन्दू शुद्धि सभा के अध्यक्ष स्वामी श्रद्धानन्द, देश के लिए अनेको अनेक यातनाये झेलने वाले वीर सावरकर के दलितों के लिए कार्य नहीं बताता पर डा. अम्बेडकर को एकाएक महान बताने की झड़ी लग गयी है प्रतिमाये लगने लग गयी है | आरक्षण  का लाभ लेते लेते ७० साल हो चुके है क्या ये हिन्दू धर्म के दमन का दौर आगया है | सत्य को इस प्रकार कब तक छुपाया जाएगा | आंबेडकर जिन्हे जीते जी जन मत ने नकार दिया था और बुरी तरह नकार दिया था |
खैर डा. अम्बेडकर ने हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध मत स्वीकारा और २२ प्रतिज्ञाएं ली जो निम्न है और अंतरजाल पर हर जगह मिल जायेगी | उन्हें जानिये और अपनी राय बनाइये
बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने के लिए 22 प्रतिज्ञाएं:-


1. मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा.
2. मैं राम और कृष्ण को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा, और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा.
3. मैं गौरी, गणपति जैसे हिंदू धर्म के किसी देवी देवता को नहीं मानूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा.
4. ईश्वर ने कभी अवतार लिया है, इस पर मेरा विश्वास नहीं.
5. मैं ऐसा कभी नहीं मानूंगा कि तथागत बौद्ध विष्णु के अवतार हैं. ऐसे प्रचार को मैं पागलपन और झूठा समझता हूं.
6. मैं कभी श्राद्ध नहीं करूंगा और न ही पिंडदान करवाऊंगा.
7. मैं बौध धम्म के विरुद्ध कभी कोई आचरण नहीं करूंगा.
8. मैं कोई भी क्रिया-कर्म ब्राह्मणों के हाथों से नहीं करवाऊंगा.
9. मैं इस सिद्धांत को मानूंगा कि सभी इंसान एक समान हैं.
10. मैं समानता की स्थापना का यत्न करूंगा.
11. मैं बुद्ध के आष्टांग मार्ग का पूरी तरह पालन करूंगा.
12. मैं बुद्ध के द्वारा बताई हुई दस परिमिताओं का पूरा पालन करूंगा.
13. मैं प्राणी मात्र पर दया रखूंगा और उनका लालन-पालन करूंगा.
14. मैं चोरी नहीं करूंगा.
15. मैं झूठ नहीं बोलूंगा.
16. मैं व्याभिचार नहीं करूंगा.
17. मैं शराब नहीं पीऊंगा.
18. मैं अपने जीवन को बुद्ध धम्म के तीन तत्वों-अथार्त प्रज्ञा, शील और करुणा पर ढालने का यत्न करूंगा.
19. मैं मानव मात्र के विकास के लिए हानिकारक और मनुष्य मात्र को उच्च– नीच मानने वाले अपने पुराने हिंदू धर्म को पूर्णत: त्यागता हूं और बुद्ध धम्म को स्वीकार करता हूं.
20. यह मेरा पूर्ण विश्वास है कि गौतम बुद्ध का धम्म ही सही धम्म है.
21. मैं यह मानता हूं कि अब मेरा नया जन्म हो गया है.
22. मैं यह प्रतिज्ञा करता हूँ कि आज से मैं बुद्ध धम्म के अनुसार आचरण करूंगा.
श्रोत : आजतक 

इसका वीडियो रुपातरण
https://youtu.be/EQBzpojo570


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