हाल के वर्षो मे बच्चो को ये अस्थिरता की समस्या बढ़ गयी है | बच्चो को ही क्यो बड़ो को भी लोग अब पढ़ने मे स्थिर नहीं हैं | लोग पुस्तके पढ़ने की ओर ध्यान नही देते उसके तो अलग कारण है पर वे जो पढ़ना चाहते है उनके लिए भी स्थिर हो के अधिक से अधिक पन्ने पढ़ना अब दुष्कर हो रहा है |
इसका कारण जो मैंने समझा वह है सोशल मीडिया का प्रभाव | सोशल मीडिया का ऐसा ढ़ाचा है की सब कुछ बदलता रहता है |
हमारे संगीत के प्रति रुझान देख लीजिये कोई गाना कितना ही अच्छा क्यो न हो कुछ समय ही चलता है | फेसबुक मे बनी न्यूज फीड फीचर के कारण हम बराबर और कुछ और कुछ नया ढूंढने मे लगते है | यू ट्यूब का भी यही हाल है एक के बाद दूसरा वीडियो | हमारे मस्तिष्क को परिवर्तन का इतना अभ्यास हो जाता है की ये अत्यंत दुष्कर है की थोड़ा भी स्थिर हो पढ़ा जा सके और ध्यान लगाना तो और कठिन हो गया है | इसे सुधारने का यही तरीका है की फेसबुक एप डिसेबल कर दीजिये यू-ट्यूब देखने का समय निर्धारित कर रखिए और अनुशासित तरीके से समय सीमा मे उसे समाप्त कर दीजिये | टी.वी जहा दिमाग का प्रयोग कम करता था सोशल मीडिया दिमाग को थकाता है और अस्थिरता की स्तीथि मे लाता है |
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