भू-राजस्व में व्यापक सुधारों से न्यायिक सुधारो में क्रान्ति आएगी
हज़ारो हज़ार मामले न्यायलय में लंबित पड़े हुए है | अपराधिक मामलो से अधिकतर भूमि विवाद के विषय है | न्यायालय पर सरकार इसलिए ध्यान नही देती क्यों की उनसे उतनी कमाई नहीं है | जब की स्टैम्प ड्यूटी के नाम पर अच्छी कमाई करती है | ६-८% तक की स्टैम्प ड्यूटी उसके बाद 2 परसेंट की पर्ची काटने का शुल्क | कुछ हज़ार वकील का शुल्क इस प्रकार हर बार जब किसी भूमि का क्रय विक्रय होता है तो १० प्रतिशत से ऊपर का मूल्य उसका सरकार बढ़ा देती है | भूमि का स्थान तो वही रहना है मूल्य कागज़ पर बढ़ता रहता है, कारण सरकार की नीतिया जो की अंग्रेजो के समय से चली आरही है | जिस समय अंग्रेजो ने इसको लगाया था ऋषि दयानंद ने इसका विरोध किआ था | आज स्टैम्प ड्यूटी का विरोध करने वाला कोई है ही नही बड़ा आश्चर्य है |
मंहगाई का बड़ा कारण तो सरकार की नीतिया होती है जो की आम जन मानस का दिनों दिन जीना दुर्भर करती है |
सरकार स्टैम्प ड्यूटी हटा दे ये आशा करना तो बेकार है पर सुधार में बहुत से सुधार ऐसे है जिनको ला कर न्यायलय में आने वाले मामलो में भारी कमी की जा सकती है |
१. जैसे भू राजस्व की राज्य सरकारों की अपनी वेबसाईट बनी हुई है जिसमे खाता खतौनी की नकले निकाली जा सकती है | इसी प्रकार गूगल मैप से या इसरो के डाटाबेस से मिलाते हुए भूमि के मान चित्रों को भी आनलाइन किआ जाए | इस से उस तरह के बहिनामे रुकेंगे जहा भूमि की वर्तमान स्तिथि को कुछ और बतला के क्रय विक्रय की प्रक्रिया निगमित की जाती है |
2. पैसे के लेन देन पर अलग दस्तावेज बना कर रजिस्ट्री में साथ लगाने का नियम बना दे | जिस से बाद में पैसे के लेन दें को कोई विवाद न हो सके |
अधिकतर मामले यही आते है भूमि कुछ की कुछ कह के बेच दिया | इधर की उधर जमीन दिखा दी गई | पैसे के लेनदेन को भी विवाद उत्पन्न होता है | इसी प्रकार ऐसे सरल से नियम बना कर बाद में होने वाले विवादों को सरकार पूर्व ही समाप्त कर सकती है | यदि न्यायी विभाग में आपको और भर्ती नही करनी है हाल फिलहाल तो ये सबसे सरल तरीका है | नए मामले आने ही कम करवा दिए जाए | इसके साथ स्टैम्प ड्यूटी को 2 प्रतिशत से अधिक न रखा जाए तब जा के ये कुल सर्कल रेट का 5 प्रतिशत पड़ेगा |
Labels: अर्थव्यवस्था सुधार
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