संयम एवं स्नान के समय के लिए अघमर्षण मन्त्र
भीष्म पितामह से मृत्यु शय्या पर जब पांडव उनके ब्रह्मचर्य के बल का कारण पूछते है तब वे इसी मन्त्र का उपदेश देते है | स्नान करते समय इस मन्त्र के पाठ से संयम में वृद्धि होती हैं |
Labels: धर्म एवं अध्यात्म, वैदिक प्रार्थना
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