अंग्रेज बंगाल से ही क्यों आये ?
वास्को डी गामा ने भारत के पश्चिमी तट पर कदम रखा, क्यों की १४५३ ओटोमन साम्राज्य के कोंसटीटोपल (अब इस्ताम्बुल) पर कब्जे के कारण यूरोप भारत का भूमिमार्ग अवरुद्ध था वास्को डी गामा के आने के बाद समुद्री मार्ग व्यापार करने के लिए पूर्वी तट से ही खुला | इसके उपरान्त भी अंग्रेज पश्चिम बंगाल से ही भारत में पैर जमा पाए | अंग्रेजो को मगरमच्छ कहा गया है क्यों की मगरमच्छ पानी के रास्ते आता है | गुजरात जैसे समृद्ध राज्य जो बंगाल की तुलना में लूट करने के लिए अधिक समृद्ध थे | ऐसा नहीं की बंगाल समृद्ध नहीं था बस बंगाल में बौद्धिक भी अधिक थे और व्यापार भी पर्याप्त होता था पर गुजरात थोडा अधिक समृद्ध था क्यों की वहा स्वराज्य आरंभ से ही रहा | गोमान्तक (अब गोआ) में ब्राह्मणों पर जो अत्याचार वास्को डी गामा पुर्तगालियो ने किए वो इतिहास में मिलते है | कालीकट के महाराज की जैसे हत्या हुई और उनके किले को आग में जला दिया गया वो सब गुंडा गर्दी के किस्से यूरोपीय जातियों के इतिहास में मिल जाते है जो ये सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है की वास्को डी गामा कोई खोजक नहीं था | क्यों की खोजक लूटेरे नहीं होते धोखेबाज भी नहीं होते | पर प्रश्न ये उठता है की जब यूरोपी जातिया पूर्वी तट से आने जाने लगी तो अंग्रेजो को बंगाल ही क्यों पैर जमाने के लिए सही लगा |
इस प्रश्न का उत्तर है की किसी मजबूत जंजीर को तोड़ना है तो उसके कमज़ोर हिस्से को पकड़ो | बंगाल में मुगलों का राज था | दिल्ली के आस पास का थोडा सा क्षेत्र और बंगाल का क्षेत्र मुगलों एवं मुस्लिम शासको के पास बचा था | नवाब सिराजुद्दौला को १७५७ में मरवा कर मीर जाफर को बैठाया गया बाद में मीर जाफर को हटा कर अंग्रेजो ने उसके दामाद मीर कासिम को बैठाया जब कासिम अपनी चलाने लगा तो फिर मीर जाफर को बैठाया | मीर कासिम की जो दुर्गति हुई वो इतिहास में पठनीय है | जो बैंकिंग घरानों से या सत्ता में अधिक ताकतवर लोगो से पंगा लेता है वो आज भी उसी स्तिथि में पहुच जाता है | सुब्रतो राय या आशा राम इसके उदाहरण है | यानी जो आज बड़े कोर्पोरेट घराने लोकतंत्र में सरकार बनाते गिराते है वो यही अंग्रेजो की ही नीति का विस्तारित स्वरूप है | जनता में असंतोष था और सैन्य शक्ति सबसे दुर्बल थी | मराठा साम्राज्य का भगवा झंडा पुरे देश में ही फैला हुआ था और वीर शिवा जी जैसा बुद्धिमान शासक जो गोरो की नियत को आरम्भ से ही जानते थे इस कारण से मराठो के बीच सेंधमारी करना काफी कठिन था उनके लिए | इसके साथ साथ दुनिया की सबसे बड़ी जल सेना भी मराठो के पास थी | अगर दौड़ा लेते तो इंग्लैंड भी हाथ से चला जाता इसलिए रोबर्ट क्लाइव जैसो के लिए बंगाल एक सरल और आसान क्षेत्र रहा | दुर्भाग्य रहा उस क्षेत्र का की मुगलो की मार के बाद अंग्रेजो की मार झेलनी पड़ी फिर कम्युनिस्टों का शासन और बांग्लादेश तो अलग हो ही गया | होना तो बंगाल को भी गुजरात जितना ही समृद्ध था | सबक यही है के शत्रु वही से हमला करेगा जहा हम कमजोर होंगे | राजनीत के जो हथकंडे अंग्रेजो ने अपनाए और हमें नहीं पढाये जाते वो हर दिन भारतीय राजनीत में प्रयोग होते है बस हम उसे समझ नहीं पाते |
क्यो खाई जाती है बंगाल में मछलिया ?
Labels: इतिहास
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