Friday, 3 March 2017

आखिर गुरमेहर के पिता को मारा किसने ?

गुरमेहर कौर दिल्ली विश्विद्यालय की एक छात्रा जो सुर्खियों में है क्यों की उसने शिकायत की है की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लडको ने सामूहिक बलात्कार की धमकी दी है | इस प्रकार की शिकायत कोई भी बहन बेटी करती हैं तो तुरंत ही कार्यवाही करनी चाहिए और उन लोगो के नाम इत्यादि की जानकारी कर कार्यवाही भी करनी चाहिए | निंदनीय बात तो सदैव निंदनीय रहेगी | देशद्रोही कहने से उसकी शिकायत नजरअंदाज नहीं करी जा सकती | स्त्री कैसी भी हो बलात्कार जैसे घृणास्पद कार्यो की धमकी देने वाले भी दंडनीय है | पर इस सारे मामले में एक महत्वपूर्ण प्रश्न रह गया की 
आखीर गुरमेहर के पिता को मारा किसने ?
यहाँ  हम आपको बताते चले के भारत पाकिस्तान के बीच शान्ति की स्थापना हेतु गुरमेहर कौर ने यूट्यूब पर एक स्लाइड हाथ में लेकर कहा था की पाकिस्तान ने उसके पिता को नहीं मारा युद्ध ने मारा | प्रकरण यू है के जब गुरमेहर छोटी थी लगभग छै वर्ष की तो एक बुरका पहने मुस्लिम महिला को मारने लगी | उनकी माँ ने उन्हें समझाया की उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं युद्ध ने मारा | खैर माँ है ६ वर्ष की बच्ची को जो समझ आया समझा दिया | महत्वपूर्ण विषय ये है की २० वर्ष की आयु में भी इनको वही समझ आया जो ६ वर्ष की आयु में समझ आया था |
पाकितान ने नहीं मारा युद्ध ने मारा, आपकी बात मानते है | इस युद्ध के पीछे कौन था इसकी सी बी आई जाच बैठाई जाए | वैसे फिर तो ये युद्ध भारत ने किआ था क्यों की पाकिस्तान शब्द से स्पष्ट हो गया की भारत ही दोषी है अब भाई तीसरा देश होता तो उस पर दोष मढ़ देते | अब यदि भारत ने मारा तो अपने पिता के हत्यारे देश से क्यों आर्थिक सहायता या कैसी भी सहायता ले रही हो आप | मैं इस बात का बिलकुल भी विरोधी नहीं के आप कुछ बोल या लिख नहीं सकती पर दुसरे भी उतने ही बोलने और लिखने को स्वतंत्र है | आप भारत का अन्न खाते हुए भारत देश से सुविधाए लेते हुए भारत देश को ही सीधे युद्ध के लिए दोषी बता रही है | पाकिस्तान से मित्रता चाहती है तो आप स्वतंत्र है किसी पाकिस्तानी से विवाह करने को आप जा सकती है वहा और भी तरीके है व्यापार कर सकती है पाकिस्तान के साथ | युद्ध किसे चाहिए | एक सैनिक से अधिक शान्ति की अभिलाषा कोई नहीं करता | आप यदि बे सरपैर की बात बोलोगी तो लोग व्यंग करेंगे ही | हां नारी का सम्मान आहत करने की कोई बात करता है तो वो राम भक्त नही हो सकता |
अब आप प्रसिद्धि पा चुकी है इसका लाभ उठाये किसी भी एम एन सी में एक अच्छे वेतन की नौकरी पा सकती है | या आपको कही से वेतन आता हो आपकी तख्तिया टांगने का तो इसी में भविष्य बनाए पर छात्र राजनीत वस्तुतः उस खतरनाक राजनीत का भाग है जो न ही पुर्णतः तलवारों की लड़ाई होती है और न ही दिमागी लड़ाई | हम सिख समाज के आभारी है जिसने बिना आपके बैकग्राउंड को देखते हुए आपके कौर होने पर ही आपकी रक्षा को सामने आया | 

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