Saturday, 11 February 2017

कुछ वर्ग विशेष अधिक बच्चे क्यों पैदा करते है ?

ये बात सर्वविदित है की कुछ ख़ास वर्ग कही अधिक बच्चे पैदा करते है उनकी तुलना में जो नगरो में हिन्दू व सामान्य वर्ग कहे जाते है | पर इसके पीछे का कारण जाने बगैर ही लोग दोष देने लगते है की ये तो अधिक बच्चे पैदा करते है इसका कारण ये है वो | यहाँ किसी वर्ग विशेष का नाम लिए बगैर मैं इसके वैज्ञानिक कारणों पर प्रकाश डालूँगा | सामाजिक कारण तो होते है जैसे की सामान्य वर्ग में लोग कहते है की एक ही बच्चा पैदा करो उसे अच्छी शिक्षा दो कई करने से क्या लाभ | जब की कट्टरपंथी कहते है की इस देश पर हमें शासन करना है इसके लिए आबादी चाहिए इसलिए दीन की खिदमत करो और अधिक बच्चे पैदा करो | पर हिन्दुओ के कुछ अन्य वर्ग में तो उनको प्रेरित कोई नहीं करता उनकी वजह से ही आबादी का संतुलन कुछ समय के लिए बना हुआ है अन्यथा अब तक तो हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए होते |
तो चाहे हिन्दुओ का वर्ग हो या कोई अन्य वर्ग सामाजिक प्रेरणा इतने बड़े स्तर पर तब तक कार्य नहीं करेगी जब तक की वो आर्थिक कारणों से न जुडी हो | आर्थिक कारणों से जुडी होने पर भी एक अच्छा जीवन हर कोई चाहता है कोई अपने बच्चो से पंचर नहीं जुड़वाना चाहता है | ये आर्थिक इकाई के तौर पर भी लिए जाते है उन क्षेत्रो में जहा अत्याधिक गरीबी है | परन्तु आर्थिक और सामाजिक प्रेरणाए कार्य कैसे करती है | इसका रहस्य छुपा है आयुर्वेद के सामान्य नियमो में |
नगरो में पढ़े लिखे पुरुषो का विवाह सामान्यतः सताईस वर्ष के बाद होता है महिलाओं की भी आयु चौबीस वर्ष हो जाती है | इसके पश्चात वे विवाह के तुरंत पश्चात बच्चो को नहीं चाहते | ऐसे में एक तो उन्हें प्रजनन का काल और कम मिलता है | फिर आर्थिक कारण कार्य करते है बच्चे को बड़े स्कुल में पढ़ाना उसका व्यय उठाने का सामर्थ्य होना | पर शरीर की क्षमता पूर्ववत नहीं रहती | इसके विपरित कम पढ़े लिखे वर्ग में लडकिया जहा अठारह वर्ष की होती और लडके बीस वर्ष के उनके शरीर की प्रजनन क्षमता और इच्छा दोनों ही प्रबल होती उनसे बड़ी आयु वर्ग के जोड़ो की तुलना में | इसके साथ-२ उनको अधिक समय मिलता अधिक बच्चे पैदा करने के लिए | पुराने लोग जो पढ़े लिखे भी होते थे वे अधिक बच्चे इसीलिए पैदा कर पाते थे क्यों की अठारह बीस वर्ष में उनकी शादी हो जाती थी | सरकार विवाह की आयु सीमा में बदलाव आबादी नियंत्रण के प्रयास में ही करती है पर हमें लोगो को दोष देने से पूर्व सारी परिस्तिथियों का अवलोकन करना चाहिए |

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