Monday, 6 February 2017

एस्कोर्ट सर्विस के नाम पर विधिक तौर पर चल रहा है देहव्यापार

भारत में देह व्यापार गैर कानूनी हैं | गैर कानूनी तो बहुत कुछ है होता भी है | पर इस व्यवसाय ने एक अलग प्रकार से बाजार में खुले आम अपनी पकड़ बना रखी है | उसका नाम है एक्सोर्ट सर्विस | एस्कोर्ट अंग्रेजी का शब्द है जिसका अर्थ होता है किसी की सुरक्षा के लिए जाना | एक्सोर्ट सर्विस यानी सुरक्षा के लिए साथ जाने वालो की सेवा देना | परन्तु देते सेवा ये मनोरंजन के लिए है | एक निश्चित समय के लिए आपके मनोरंजन के लिए ये व्यक्ति आपको भेज देंगे | अब कौन इतना महंगा समय लेगा किसी महिला के लिए जब तक की वो कामेच्छा से न जुड़े |
एस्कोर्ट सर्विस के नाम पर दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहरों में खुले आप आफिस खोल कर काम चल रहा है | फोने से बुकिंग और वेबसाईट से भी आप सेलेक्शन कर सकते है | भारत सरकार कहने को तो भारत सरकार हैं पर कुछ भी भारतीय व्यवस्था जैसा सरकार में नहीं है | मुगलों और अंग्रेजो के वाहियात विरासत को ये आगे बढ़ा रही है | तरीके बदल गए हैं | लोग व्यग्तिगत स्वार्थो के लिए इस प्रकार की सेवाओं का प्रयोग करते है इसके अतिरिक्त बड़े प्रयोगकर्ता इस प्रकार की सेवाओं के नेता, नौकरशाह कोर्पोरेट जगत के लोग होते है |
बचाव करने वाले सबसे पहले तो कहेंगे की मगध साम्राज्य में भी तो ये सब था | कुछ गलत जो प्राचीन काल में हुआ वो आगे भी हो ऐसा आवश्यक नहीं हैं | जो गलत हुआ उसी कारण से साम्राज्य ढहे | भारत को राक्षसों का देश बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है | पद्मिनियो और ब्रह्मचारियो के देश में देहव्यापार और बलात्कार उसी का परिणाम है | न सही शिक्षा न सही व्यवस्था | हर वो चीज़ जो देश को पतन की ओर ले जाए उस चीज़ को बढ़ावा दिया जाता है | जब सब जानते है की क्या होता है एक्सोर्ट सर्विस के नाम पर तो इसे प्रतिबंधित क्यों नहीं करते | ये बात तो ठीक है के बंद कमरे के पीछे दो लोग स्वेच्छा से क्या करते है ये उनका व्यग्तिगत विषय है अपितु ये समाजिक मर्यादा में रहे | एक व्यक्ति नृत्य करता है दूसरा देखता है या चुटकुले सुना कर किसी का मनोरंजन करता है परन्तु इस बात को जाचने का कोई तरीका नहीं के भेजी गई लड़की और भुगतान करने वाला व्यक्ति शारीरिक संबध बना रहे है या नहीं | और लोगो को पूरा अधिकार है उनकी व्यग्तिगत स्वतंत्रता का |
अतः जैसे गौ रक्षा के नाम पर सरकार के ढोंग होते है उसी प्रकार देहव्यापार को रोकने के लिए भी सरकार का ढोंग है | कानून बनाए जाते है लूप होल दिए जाते है ताकि उन कानूनों से बचा जा सके | कोई चीज़ प्रतिबंधित किआ जाती है उसे करने का दूसरा तरीका निकाल लिया जाता है | एस्कोर्ट सर्विस को बैन नहीं किआ जाएगा क्यों की राजनीत से जूडा हुआ उद्योग है | पर कुछ भी असंभव नहीं है यदि लोग चाहे तो, यदि लोग जागरूक हो तो | लोग जाने तो की किस प्रकार लाखो वर्षो से चले आरहे नैतिकता और सही गलत के नियम को वर्तमान व्यवस्था में बदलने का प्रयास किया जा रहा है |

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