महर्षि दयानंद अनुयायी एवं आर्य समाज क्रांतिकारी (संक्षिप्त सूची)
आज भले ही आर्य समाज ठंडा पड़ा है पर आज जो भी क्रान्ति के ज्वलंत भाव आपको मिलते है उसमे कही न कही आर्य समाज का बड़ा योगदान है | आर्य समाज के भवनों पर अधिग्रहण को लेकर बहुत से स्थानों पर घुसपैठ हुई है | स्वयं आर्य समाज में लोगो ने उस प्रकार चिन्तन मनन करना समाप्त कर दिया है जिस प्रकार महर्षि देव दयानंद ने करने को कहा था | जिस प्रकार वेद कहते है नेति-नेति, न इति न इति | पर आरम्भ से ही आर्य समाज महान विचारको समाज सुधारको का संघठन रहा है | अंग्रेज आर्य समाज और ऋषि दयानंद को सदैव शत्रु मानते रहे है | हम संक्षेप में वो लघु सूची प्रस्तुत कर रहे है जिस से आप लोगो को अनुमान लग जाएगा की महर्षि दयानंद ने राष्ट्र भक्ति का कितना महान बीज बोया था |
१. लाला मुंशीराम/ स्वामी श्रधानंद : आपने गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना की | अखिल भारत हिन्दू शुद्धि सभा के आप अध्यक्ष थे | आपने ही शुद्धी आन्दोलन चला कर २० लाख के लगभग मुस्लिम भाइयो को अपने पूर्वजो के धर्म में वापस लाया था | अब्दुल राशिद नाम के मतान्ध ने आपकी हत्या कर दी थी |
२. शिवकर बापूजी तलपदे : आपने आधुनिक काल में विश्व के प्रथम विमान का अविष्कार किआ था |
३. भाई परमानंद : आप महान क्रन्तिकारी थे हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे हैं | आरे से चिरवा दिए गए भाई ब्राह्मण मातिदास के कुल से है आप |
४. श्याम जी कृष्णवर्मा : आपने लन्दन में इण्डिया हाउस की स्थापना की | जो की क्रान्तिकारियो का दुश्मन के खेमे में बंकर बना वीर सावरकर ने यही रह कर इंग्लैंड और भारत में कई काण्ड करवाए |
४. श्याम जी कृष्णवर्मा : आपने लन्दन में इण्डिया हाउस की स्थापना की | जो की क्रान्तिकारियो का दुश्मन के खेमे में बंकर बना वीर सावरकर ने यही रह कर इंग्लैंड और भारत में कई काण्ड करवाए |
५. रास बिहारी बोस : इंडियन नैशनल आर्मी जो आजाद हिन्द फ़ौज कहलाई उसे रास बिहारी जोड़ रहे थे | भारत के स्वतंत्रता इतिहास में सबसे बड़े बहरूपिये जाने जाते थे एक महान क्रांतिकारी और ऋषि दयानंद अनुगामी |
६. स्वामी सोमदेव : आर्य सन्यासी एवं पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के प्रेरणा श्रोत |
७. पंडित राम प्रसाद बिस्मल : उत्कृष्ट साहित्यकार, कवी एवं महान क्रांतिकारी जिन्होंने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की थी | बिस्मिल के प्रभाव से पूरा समूह ही आर्य समाज के विचारों से प्रभावित था |
८. ठाकुर रोशन सिंह/राजेन्द्र लाहिड़ी : आप दोनों को काकोरी काण्ड में फ़ासी हुई थी आर्य समाज से ही आपको बलिदान होने की प्रेरणा मिली | बिस्मिल के सहयोगी एवं महान क्रांतिकारी |
९. मुंशी प्रेमचंद्र : आपने आर्य समाज के छठे नियम का पालन किआ और सामाजिक उन्नति के लिए जीवन पर्यंत लिखते रहे | आर्य समाज के लिए भी आपने कार्य किआ |
१०. अजीत सिंह (भगत सिंह के दादा एवं उनका परिवार) : आप लोगो ने यदि लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह देखि होगी तो आपने गौर किआ होगा की उन्होंने ऋषि दयानंद का चित्र भगत सिंह के परिवार में दिखाया इसके साथ भगत सिंह कह रहे है के वालिद साहब ने मुझे जनेऊ के समय देश को समर्पित कर दिया था | भगत सिंह उस समय की क्रान्ति की विचारधारा से अवश्य प्रेरित थे परन्तु जेल में गीता पाठ करने वाले भी भगत सिंह ही थे |
११. लाला लाजपत राय : आप हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रहे | महान नेता, वक्ता, क्रान्तिकारियो के प्रेरणाश्रोत | आपकी अंग्रेजो ने हत्या कर दी |
१२. पूर्णचन्द्र गुप्त : आप दैनिक जागरण के संस्थापक थे |
१३. श्यामा प्रसाद मुखर्जी : आपने जन संघ की स्थापना की थी | १९४४ के आर्य महासम्मेलन में तो आपने अध्यक्षता भी की थी | १९५३ में आपकी हत्या करा दी गई थी |
१४. बलराज मधोक : आपने प्रजा परिषदं पार्टी बनाई थी जन संघ में विलय किआ था | आपको नियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत अपने ही बनाए संघठन से बाहर कर दिया गया | पिछले वर्ष २०१६ में आपने अंतिम स्वास ली |
१५. लाल बहादुर शास्त्री : भारत के अद्वतीय प्रधानमंत्री आपकी हत्या करा दि गई |
१६. राजीव दीक्षित : काले अंग्रेजो के शासन के विरुद्ध आवाज उठाने वाले १९४७ के बाद के क्रांतिकारी, अपने व्याख्यानों में आपने इस बात को स्वीकार किआ, आपकी भी हत्या करा दी गई |
वीर सावरकर, चन्द्र शेखर आजाद , भगवती चरण वोहरा, मानवती आर्य, मदन लाल धींगरा, उद्धम सिंह, करतार सिंह सराबा, अशफाक़उल्ला खां इत्यादि अनेको अनेक क्रान्तिकारियो व उनके आर्य समाज के संबंधो पर विस्तार से लिखने की आवयश्कता है | महर्षि दयानंद न केवल स्वयं बलिदान हुए अपितु उनके विचारों ने, लेखो ने उनके बाद बलिदान होने वालो का एक संघठन ही तैयार कर दिया | एक आन्दोलन खड़ा हो गया राष्ट्र की वेदी पर प्राणों की आहुति देने का | भारतीय स्वतंत्रता संग्राम जब आप पढेंगे तो आप को ७०-८० प्रतिशत क्रांतिकारी आर्य समाजी ही मिलेंगे | इसी कारण अंग्रेजो के जाने के बाद सबसे पहले आर्य समाज को समाप्त करने का षडयंत्र रचा गया और बहुत हद तक उसमे राजनितिक ताकते सफल भी रही | यहाँ मैंने सिर्फ आपको एक संक्षेप में उदहारण दिखाया की आर्य समाज और ऋषि दयानंद में कुछ ऐसा है जिसके कारण लोग प्राण देने को ख़ुशी ख़ुशी प्रेरित होते थे | अतः आज ही अपने निकटतम आर्य समाज से जुड़े और क्रान्ति की ज्वाला को ज्वलंत रखे | ओ३म् के ध्वज को उचा रखे |
ओ३म्
Labels: इतिहास
1 Comments:
नमस्कार आर्य जी मैं आपके साथ हूं मैं भी आर्य समाज से जुड़ा हुआ हूं आप हमसे कांटेक्ट करें
7357 136042
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