नाथूराम गोडसे आतंकी, पागल या राष्ट्रभक्त ?
३० जनवरी गांधी वध का दिन | मरने वाला कोई साधारण मनुष्य नहीं | विश्व के इतिहास में सर्वाधिक लोगो का प्रतिनिधित्व करने वाला नेता | तो मारने वाला कौन ? क्या कोई पागल को एक महात्मा की हत्या कर दे | वो भी ऐसा देश जहा साधू संतो का इतना आदर हैं और जो पागल कहे तो फ़ासी देने का कोई अर्थ नहीं क्यों की मानसिक रोगी को फ़ासी नहीं दी जा सकती | यदि पागल नहीं और कोई धन के प्रलोभन में भी हत्या नहीं हुई तो क्यों लोग सुनना नहीं चाहते, गांधी वध क्यों ?
मैं यहाँ ये नहीं लिखूंगा की गांधी वध क्यों किआ गया | वो तो आप पंडित नाथूराम गोडसे के कोर्ट के दिए बयान जो की गांधी वध क्यों ? नाम की पुस्तक में लिपिबद्ध है में भी पढ़ सकते है | विषय ये है के लोगो का विवेक इतना कम कैसे हो सकता है की बिना दो पक्षों को सुने लोग राय बना लेते है | गांधी जी महान थे महात्मा थे पर कोई तो कारण होगा उनकी हत्या हुई और मारने वाला उतनी ही प्रसन्नता से फांसी चढने को तैयार था जितनी प्रसन्नता से कोई क्रन्तिकारी अंग्रेजो को मारने के बाद तैयार रहता था |
हिंदूवादी या हिन्दू उग्रवादी कह कर विषय को दबाया नहीं जा सकता किन कारणों से गांधी वध हुआ ? पर नाथूराम गोडसे के बलिदान के इतने वर्ष पश्चात भी लोग नहीं जानते क्या-क्या कारण रहे होंगे की एक महात्मा की छवि वाले नेता की गोली मार कर हत्या कर दी गई | क्या उस कृत्य से देश को लाभ हुआ ? हुआ तो कैसे हुआ ?
1966 तक पंडित नाथूराम गोडसे का ब्यान लोगो से छुपा कर रखा गया | न्यायाधीश जी डी घोसला ने ये तक लिखा की उस दिन जिन्होंने गोडसे का बयान सुना यदि उन्हें न्याय करने का अधिकार दिया जाता तो वे गोडसे को बरी कर देते | लोगो के आँख में पानी था जब गोडसे अपना पूरा बयान पढ़ चुके थे |
गांधीवध पश्चात
अहिंसक अनुयायियों ने चितपावन ब्राह्मणों के २०,००० के लगभग मकान, दुकाने जला दिए | ६००० के लगभग ब्राह्मण मार दिए गए | वीर सावरकर के तीसरे भाई नारायण दामोदर सावरकर की हत्या भी गांधी वध के पश्चात प्रतिक्रिया स्वरूप हुई | ईट पत्थरों से हमला कर के अहिंसक अनुयायियों ने क्रान्तिकारी राष्ट्रवादी की हत्या करने का गौरव प्राप्त किआ | विचार करे कितने लोगो ने ये आपको बताया या इस पर चर्चा करी ?
यदि गांधीवध न होता तो ?
कल्पना करे की गांधी जीवित होते तो कश्मीर आक्रमण के समय वे पाकिस्तान को भारत से धन दिलवा सकते थे | पाकिस्तान और पूर्व पाकिस्तान के बीच एक पट्टी भी देने की मांग स्वीकृत कर सकते थे | हैदराबार में ओपरेशन पोलो गांधी के रहते संभव नहीं था | आज आन्ध्र प्रदेश गोडसे के कारण ही जूडा हुआ है भारत से |
तो हम क्या करे ?
एक स्वाभाविक प्रश्न है लोग अपनी ई एम् आईस में फसे है किसे फुर्सत है गांधी गोडसे को जानने के बारे में | तो आपका भविष्य आपके इतिहास के ज्ञान पर ही निर्भर है इस बात का ज्ञान आपको रखना होगा | कुछ करे न करे सूर्य भारती प्रकाशन से प्रकशित होने वाली गांधी वध क्यों अवश्य पढ़े | संभव है तब आप विचार कर सके के एक समाचार पत्र चलाने वाला कलम छोड़ रीवोल्वर क्यों उठा लेता है | क्यों एक ३८ वर्षीय युवक जिसे पता है की फ़ासी लगने पर गर्दन कैसे टूट जाती है और कितनी दर्दनाक माध्यम से मृत्यु मिलती है इस निर्णय पर पंहुचा | ८ नवम्बर को फ़ासी की सजा सुनाई गई और १५ नवम्बर को टांग दिया गया फ़ासी पर अम्बाला जेल में | इतनी तत्परता अगर कांग्रेस ने ली होती आतंकियो को टांगने में तो भी कुछ समझ आता |
आतंकी वह होता है जो अकारण जनमानस में आतंक फैलाए | गांधी ने जिस प्रकार जनता द्वारा दि शक्ति और अधिकारों का दुरपयोग किआ वैसा कोई अन्य नेता न करने पाए यदि ऐसा आतंक बनता है तो ठीक | पागल अकारण ही चीज़े करता है पर कोई पागल भी आत्महत्या नहीं करता | राष्ट्रभक्त वह जो स्वयं को अर्पित कर दे ताकि उसकी कौम जीवित रह सके अपने अधिकारों के साथ, आपकी मान्यताए आपका धर्मपालन आपका अधिकार है | ऐसा व्यक्ति जिसने अपनी अंतिम इच्छा में अपनी अस्थिया तब तक न बहाने को कहा जबतक भारत पुनः अखंड न हो जाए | आप आगे बढ़ सके देश का विस्तार हो सके इसलिए किसी ने प्राण दिए, उसके दिए ब्यान को पढना चाहिए और चिन्तन करना चाहिए की कौन सी शासन करने वाली शक्ति हमें अनविज्ञ बनाए रखना चाहती है ||
प्रकाशक : सूर्य भारती प्रकाशन,
२५९६, नई सड़क दिल्ली-०६
Labels: इतिहास
1 Comments:
Keep this going please, great job! hotmail login
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