संकल्प जो पहाड़ तोड़ दे – दशरथ मांझी
ऋषि दयानंद ने ब्रह्मचर्य
बनाए रखने के लिए संकल्प को प्रेरणा बताया था | यजुर्वेद के शिव संकल्प सूत्र शुभ
संकल्प की ही महिमा गाते है | ऐसा ही प्रकरण है दसरथ मांझी का |
जिसे लोग चूहा
खाने वाली छोटी जाती का व्यक्ति कहते है उसने अपने संकल्प से वो कर के दिखाया जो
किसी भी बड़े से बड़े मैनेजमेंट स्कुल में प्रेरणा श्रोत के तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए
| इस से ये भी सिद्ध होता है के हम किसी भी समाज में पैदा हुए हो अपनी अच्छी पहचान
बनाने से हमें कोई नहीं रोक सकता | हम समाज को क्या दे कर जाते है इसी से हमारी
पहचान बनती है | पहचान प्रेरणादायक हो ये अधिक बेहतर बात है |
आरंभिक परिचय
दशरथ मांझी का जन्म १९३४
में बिहार में गया के गहलौर ग्राम में हुआ था और ये व्यक्ति जाना जाता है अपने
जूनून के लिए जिसने १९६० में आरम्भ किआ कार्य १९८२ में लगभग 22 वर्षो में ११० मीटर
लम्बी, ७.७ मीटर गहरी और ९.१ मीटर चौड़ी सड़क पहाड़ काट के बना डाली | और ये सब सिर्फ
एक छेनी हथौड़ी के दम पर किआ | लोगो ने पागल समझा कोई भी समझेगा पर इस व्यक्ति ने
अपनी धुन नही छोड़ी और आर पार रास्ता बना डाला जिस से जिससे अत्री से वजीरगंज ब्लोक
का रास्ता ५५ किलोमीटर से १५ किलोमीटर ही रह गया यानी ४० किलोमीटर की दुरी कम हो
गई | अब यदि हम आर्थिक तौर पर भी जोड़े के मार्ग बनने से और आने वाले समय में कितने
वाहनों का कितना ईधन बचा और बचेगा तो इस व्यक्ति ने देश के लिए भी इस प्रकार अपना
योगदान दिया |
प्रेरणा का श्रोत
खेतो पर काम करते समय दशरथ
मांझी की पत्नी फाल्गुनी देवी खाना लाते समय पहाड़ के दर्रे में गिर गई | गंभीर चोट
लगने और समय पर अस्पताल न पहुच पाने के कारण फाल्गुनीदेवी की मृत्यु हो गई | ये
विषय दशरथ मांझी के लिए प्रेरणा का श्रोत बना | कोई अन्य स्वास्थ सेवाओं के अभाव
में नही मरेगा इस प्रेरणा से एक पूरा पहाड़ अकेले दम पर काट देना निश्चित तौर पर
बहुत बड़ा प्रेरणा का श्रोत है | जब एक अनपढ़ व्यक्ति अपने संकल्प की शक्ति से इतना
कुछ कर सकता है तो हम पढ़े लिखे लोग क्यों नहीं कर सकते और क्या नहीं कर सकते जिस
से समाज की दिशा और दशा बदले ?
मृत्यु
आपका निधन ७३ वर्ष की आयु
में अखिल भारती आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में १७ अगस्त २००७ में पित्ताशय के
कैंसर से हुआ | राज्य सरकार ने अंत्येष्टि संस्कार में पूरा सम्मान दिया |
माउन्टेन मैन नाम की ख्याति से दशरथ मांझी अपनी पहचान छोड़ गए |
फिल्में एवं सम्मान
कुमुद रंजन ने आपके जीवन पर
वृतचित्र बनाया वर्ष २०११ में | वर्ष २०१५ में नवाजुद्दीन सिद्धकी को लेकर केतन
मेहता ने आप पर चलचित्र बनाया | कन्नड़ में भी आप पर फिल्म बनी है | आमिर खान अपने
शो सत्यमेव जयते के लिए दशरथ के पुत्र भागीरथ मांझी और उनकी पत्नी बसंती देवी से
भी मिले थे उनके आर्थिक सहायता देने का वादा भी किआ था | यद्दपि धन के अभाव में
बसंती देवी का वर्ष २०१४ में निधन हो गया था | दशरथ मांझी के सम्मान में नितीश
कुमार ने ३ किलो मीटर लम्बी रोड और एक अस्पताल बनवाने का वादा किआ है |
Labels: व्यक्तित्व विकास
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