सड़क की उचाई का मानक तय करे सरकार
सड़क की उचाई का मानक तय करने से जनता और राष्ट्र के अरबो रूपय बच सकते है
आपने इस बात पर कभी गौर किआ की सड़क बनाने वाले ठेकेदार जब भी सड़क को बनाते वे उसे ऊचा और ऊचा कर
देते है | इसका कारण होता है निर्माणकर्ता सड़क के निकले मलबे को दुबारा प्रयोग नही
करता न ही कही अन्य स्थान पर विस्थापित करता है |
केवल सड़क के उचा होने से आस पास के मकान बनवाने वालो को अपने मकान की निहास और
ऊची करानी पड़ती है |
मकान की निहास ऊची करने के लिए अधिक ईट, सीमेंट, सरिया, मजदूरी लगती है |
मकान की निहास में मिटटी भरवाने में अधिक धन तो व्यय होता ही है साथ-२ मिटटी
के स्थानान्तरण में ईधन की भी खपत होती है |
धन, प्रयोगित उत्पादों के स्थानान्तरण में लगा ईधन, प्रयोग सामिग्री जो भवन के
अतिरिक्त निर्माण में प्रयोग हो सकती थी, श्रम और समय की बर्बादी होती है क्योकि
सड़क की ऊचाई उस स्थान की समुद्र तल की ऊचाई से कितनी हो इसका कोई मानक तय नही है |
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चाहिए की इसके लिए एक मानक बनाए ताकि जनता और सरकार दोनों का धन बच
सके |
Labels: अर्थव्यवस्था सुधार
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