Monday, 1 August 2016

इदम् न मम


ये मेरा नहीं | ये हमारी संस्कृती का आधार सूत्र हैं | जो मेरा नहीं वो मैं नहीं रख सकता | सोचिये अगर हर कोई  इस सूत्र पर चले तो कही कोई अपराध ना हो | जो दुर्भावनाए आये वो इसी सूत्र के साथ वापस चली जायेंगी | चाहे वो परीक्षा केंद्र मे आपको मिल ने वाली मुफ्त नकली क्यों ना हो | जो ज्ञान मेरा नहीं उसका मैं अधिकारी नहीं | जो चीज़ मेरी नहीं ना मैं उसको रख सकता हू ना ही दूसरे की कृति का श्रेय ले सकता हू | सड़क पर मिला १० का नोट हो या १० करोड़ का भरा बैग आपमें लालच आयेगा ही नहीं | इसी सिद्धांत को याद कर के | क्यों रखु जब ये मेरा नहीं जिसका हैं उसे लौटा क्यों ना दू |
    न्याय कायम करने का कितना उत्तम सूत्र हैं | सर्वेभवन्तु सुखिनः का ध्येय कैसे सिद्ध हो जायेगा इसी इदं ना मम् के सूत्र से | कैसे हर मनुष्य एक दूसरे से जुड जायेगा और वसुधैव कुतुम्ब्कम्ब की भावना को पूर्ण करेगा |  कोई चोरी ना होगी कोई लूट ना होगी कोई हत्या ना होगी कोई पर स्त्री गमन ना करेगा | हर बुरे काम की भावना को नियंत्रित करेगा | सिर्फ वैदिक संस्कृति ही इस सूत्र की जनक हैं | आर्य ही इसका पालन कर पाते हैं | जीवन के हर क्षेत्र मे पालन करना मुश्किल हो सकता हैं पर अभ्यास से क्या चीज़ दुर्लभ हैं | इस सूत्र को जीवन मे ला कर हम सभी सुखी हो जायेंगे | और ना केवल इतना ये सूत्र हमे प्रेरित करता हैं हमारे अधिकारों के लिए लड़ने को |
जो मेरा नहीं वो मैं लूँगा नहीं , और जो मेरा हैं वो मैं छोडूगा नहीं | यही हमे धर्मं मार्ग पर चलने को प्रेरित करता हैं | ये हमे कायरता से भी बचाता हैं | ये सूत्र लोगो के सोते शौर्य को जगाता हैं |

क्योंकी न्यायप्रिय व्यक्ति ही अन्याय के विरुद्ध सर उठता हैं | ये एक सूत्र जीवन को बदल देने वाली प्रेरणा देता हैं | हमे हमारी क्षमताओ पर भी यकीन करता हैं क्यों की मैं जिस चीज़ का अधिकारी हू वो मुझे मिलनी चाहिए | पर अपने अधिकरण तये करने से पहले आपका किस पर अधिकार नहीं ये पता होना चाहिए आपको इसी लिए इदं ना मम् का सूत्र दिया हैं | क्यो उत्तम बात हैं, सर्वोत्तम वैदिक संस्कृति की | और ये भावना लोगो मे भरनी हैं तो हमे वैदिक शिक्षण प्रणाली लानी होगी | ये सिर्फ आर्यो के वैदिक राष्ट्र मे ही संभव हैं | तो समृद्धि का आधार वैदिक समाज ही हैं जिसका निर्माण आपके हाथ मे हैं | क्यों ये एक सूत्र ही बताता हैं के कितनी उत्तम बाते छोटे -२ सूत्रों के माध्यम से लोगो के हृदय तक ऋषि वाणी ने पहुचाई हैं | ऐसे बहुत से उत्तम सूत्र मिलेंगे जो हमे विभिन्न तरीको से सत्य और धर्मं को प्रेरित करेंगे | न्याय रक्षण मे लगाएंगे | तो आइये राष्ट्र समाज और धर्मं के लिए इस “इदं ना मम्” की भावना हो आत्मसात करे |

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